बैकुंठपुर। जिला जर्नलिस्ट प्रेस क्लब कोरिया के पूर्व अध्यक्ष एक बार फिर विवादों में हैं। उनके विरुद्ध शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा, झूठे शपथ पत्र और कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से धोखाधड़ी कर शासकीय संपत्ति अपने नाम कराने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस संबंध में मामले में प्रशासन को लिखित शिकायत दी गई है। शिकायत के अनुसार पूर्व अध्यक्ष वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के शासकीय आवास क्रमांक 18/1 (पुराना सेन्ट्रल बैंक रोड, कचहरीपारा) में निवासरत हैं। यह मकान पूर्व में पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारी उनके पिता को 2003 में उनके सेवा काल में आवंटित किया गया था। वर्ष 2015-16 में उनके पिता के सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी उनके पुत्र ने उक्त शासकीय मकान खाली नहीं किया और अवैध रूप से वहीं निवास जारी रखा।
शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस शासन में जिला जर्नलिस्ट के अध्यक्ष बताते हुए अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए वर्ष 2022-23 में अपनी पत्नी के नाम से एक झूठा शपथ पत्र दाखिल किया, जिसमें यह दर्शाया गया कि वह वर्ष 1980 से उक्त संपत्ति पर कब्जे में हैं। इसी आधार पर फ्रीहोल्ड पट्टा के लिए आवेदन कर उन्हें 12 अगस्त 2022 को भूमि का पट्टा जारी कर दिया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि उनका विवाह वर्ष 2017-18 में हुआ था और वे मूल रूप से बिहार राज्य की निवासी हैं। उनका जन्म लगभग 1990-95 के मध्य हुआ है, ऐसे में वर्ष 1980 से कब्जे का दावा असंभव बताया गया है।
लोक निर्माण विभाग के अभिलेखों के अनुसार उक्त मकान उनके पिता को 5 फरवरी 2003 को आवंटित किया गया था। इसके बावजूद पट्टा प्रकरण में लोक निर्माण विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के एसडीओ द्वारा जारी पत्र को प्रस्तुत कर कूटरचना की गई। लोक निर्माण विभाग ने किसी भी प्रकार की अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नही किया, राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 1980 से 2024 तक इस भूमि पर किसी का नाम दर्ज नहीं है। शिकायतकर्ता ने इसे साफ तौर पर दस्तावेजी जालसाजी और शासकीय संपत्ति पर अवैध कब्जे का मामला बताया है तथा इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी या राज्य स्तरीय विशेष जांच दल से कराने की मांग की है।
प्रकरण अब प्रशासन के संज्ञान में है और यदि दस्तावेजों की जांच में अनियमितता साबित होती है, तो पूर्व अध्यक्ष एवं उनकी पत्नी के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचना के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा सकती है।


