इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं, विद्यालय की नई भवन निर्माण पर भी सवाल उठे हैं। 1 करोड़ 44 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रही यह नई इमारत विवादों में फंसी हुई है। हैंडओवर से पहले ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। भवन की दीवारों में दरारे नजर आ रही हैं, साथ ही कॉलम में भी खतरनाक दरारें दिखाई दे रही हैं।
यह गंभीर समस्या न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर रही है। प्रशासन जल्द से जल्द समस्या का स्थायी समाधान करे, ताकि भविष्य में बड़ा हादसा होने से बचा जा सके।

