अभी तक प्रशासन इस ओर न तो ध्यान दे रहा है और न ही ठोस कार्रवाई करते हुए ऐसी गतिविधियों पर रोकथाम का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे असंवेदनशील लोग न केवल खुद की परवाह नहीं करते, बल्कि समाज में गलत संदेश भी प्रसारित कर रहे हैं। युवा पीढ़ी, जो सोशल मीडिया पर इन स्टंटबाजी वीडियोज को देखकर प्रभावित होती है, उन्हे इस गलत दिशा की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह स्थिति पूरी तरह से चिंताजनक है क्योंकि किसी भी समय बड़ा हादसा घटित होने का खतरा बना रहता है।
सरकार और संबंधित प्रशासनिक निकायों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे तत्काल प्रभाव से सख्त कानून बनाकर ऐसे गैर-जिम्मेदाराना स्टंटबाजों के खिलाफ कार्रवाई करें। कैमरा फुटेज, सोशल मीडिया पोस्ट और स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर दोषियों की पहचान कर उन्हें सार्वजनिक उदाहरण बनाया जाना चाहिए। सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

